Thursday 17 May 2018

कांग्रेस की विदाई का समय आ गया है।

कांग्रेस जब नैतिकता, संविधान और लोकतंत्र की बात करती है तो ऐसा लगता है जैसे हजार खून करने वाला एक दुर्दांत, हिंसक कातिल अहिंसा पर प्रवचन दे रहा हो।
इंडिया इज इंदिरा और इंदिरा इज इंडिया का नारा देनी वाली, आपातकाल में लाखों लोगों को जेल‌में ठूंसने वाली, 1984 में हजारों सिखों को मौत के घाट उतारनी वाली कांग्रेस के राज परिवार का आखिरी चिराग,आज देश के हालात की तुलना पाकिस्तान से करने का दुस्साहस कर पा रहे हैं,इससे अधिक और क्या सबूत हो सकता है कि कांग्रेस अब अंतिम सांसें गिन रही है और अब निकट समय बिल्कुल पास है। कर लो तैयारी अब जाने की। बहुत हताशा है। जब चिराग बुझने वाला होता है तो बुझने से पहले उसकी लौ बहुत तेज हो जाती है।

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