Anita Saxena
Sunday 2 September 2018
जरा सोचिए। क्या नक्सलवाद चाहे जंगल का हो या शहर का, राष्ट्रवादी लोगों की निष्क्रियता का परिणाम नहीं है। मेरा मानना है देश में 99% लोगों का दिल धडकता है मातृभूमि के लिए। पर इन शहरी नक्सलियों को समाप्त करने के लिए राष्ट्रवादियों को तो अपने अपने तरीकों से मुकाबला करना पडेगा, जंगली नक्सलवाद स्वत: समाप्त हो जायेगा।
Wednesday 1 August 2018
भारत भारतीयों के लिए
भारतीय नागरिकता की निश्चित राष्टीय पालिसी होनी चाहिए और कड़ाई से उसका पालन होना चाहिए। सच तो यह है कि आज तक हमारे देश में माइग्रेंनटस के लिए कोई भी कोई प्रकिया नहीं है। जो भारतीय सीमा में घुसते रहे हैं उनको किन नियमों के अनुसार आने दिया गया और फिर अपने अपने वोट बैंक के लिए बसाते रहे, उनका वोटर कार्ड, राशन कार्ड और अब यहां तक आधार भी बनाते रहे।
जब इस समस्या से आसाम वासी प्रभावित होने लगे,उनकी संस्कृति और सांस्कृतिक विरासत को खतरा हुआ, उनके प्राकृतिक जन संसाधनों पर डाका पड़ना शुरू हो गया, तब मजबूर होकर 6 साल आसाम के नागरिकों ने आंदोलन किया, तब जाकर 1985 में राजीव गांधी की सरकार को बाध्य होना पड़ा कि असमियों की मांगों के आगे और तब उन्होंने घोषणा की राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर बनाने की। लेकिन इसके आगे प्रकिया शुरू न हो पाई, क्योंकि कांग्रेस ने इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं लिया। आज कांग्रेसी यह तो कह रहे हैं कि इसकी शुरुआत हमने की थी, पर अब जब सुप्रीम कोर्ट को दखल देना पड़ा और इसके निर्देश पर इन तथाकथित विदेशी बंगलादेशियो और रोहिंग्यास को चिन्हित किया और रजिस्टर से बाहर किया,तब कांग्रेस समेत इन विरोधियों को अपने अस्तित्व का खतरा मंडराता हुआ दिखने लगा,जो आजकल खुलेआम देखा जा सकता है।
अभी तो यह ड्राफ्ट है, कोई अंतिम सूची नहीं है, सरकार ने साफ किया है कि कोई भी भारतीय होने का दावा दे सकता है और सबूत देता है तो उसका नाम जोड़ा जा सकता है।
आसाम में तो लगभग अभी लगभग 40लाख ऐसे लोगों को राष्ट्रीय रजिस्टर से दूर किया गया है, पर एक अनुमान के अनुसार पं बंगाल में तो यह संख्या एक करोड़ से ऊपर है। जम्मू के आसपास भी यह महत्वपूर्ण संख्या हो सकती है। उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान,और यहां तक राजधानी दिल्ली में भी ऐसे अवैध रूप से रहे इन विदेशियों की है जो कि देश की सुरक्षा के लिए बहुत बड़ा खतरा और अर्थव्यवस्था पर बोझ बने हुए हैं। इसीलिये इस विषय पर सरकार को राष्ट्रीय मुद्दा समझ कर युद्ध स्तर पर ऐसे अवैध रूप से रह रहे लोगों को चिन्हित कर आगे कार्रवाई करनी चाहिए।
भारतीय पासपोर्ट सभी के लिए स्वतंत्र नहीं होना चाहिए। जब हम भारतीय नागरिकता का सम्मान करेंगे तभी दुनिया इसका सम्मान करेगी।
#भारतभारतीयोंकेलिये
Thursday 17 May 2018
कांग्रेस की विदाई का समय आ गया है।
कांग्रेस जब नैतिकता, संविधान और लोकतंत्र की बात करती है तो ऐसा लगता है जैसे हजार खून करने वाला एक दुर्दांत, हिंसक कातिल अहिंसा पर प्रवचन दे रहा हो।
इंडिया इज इंदिरा और इंदिरा इज इंडिया का नारा देनी वाली, आपातकाल में लाखों लोगों को जेलमें ठूंसने वाली, 1984 में हजारों सिखों को मौत के घाट उतारनी वाली कांग्रेस के राज परिवार का आखिरी चिराग,आज देश के हालात की तुलना पाकिस्तान से करने का दुस्साहस कर पा रहे हैं,इससे अधिक और क्या सबूत हो सकता है कि कांग्रेस अब अंतिम सांसें गिन रही है और अब निकट समय बिल्कुल पास है। कर लो तैयारी अब जाने की। बहुत हताशा है। जब चिराग बुझने वाला होता है तो बुझने से पहले उसकी लौ बहुत तेज हो जाती है।
Friday 11 May 2018
क्या सोनिया गांधी ने वाकई देश के लिये त्याग किया है।
राहुल गांधी कौन से त्याग की बात कर रहे हैं अपनी मां की जिन्होंने शादी के बाद 15 साल तक भारत की नागरिकता नहीं ली थी। इटली के साधारण परिवार की एक रेस्टोरेंट में काम करने वाली महिला,जिसने देश में घोटाले पर घोटाले कर के देशके संसाधनों को लूट कर दुनिया की सबसे अमीर महिला बन गई, जिसके बल पर पूरी कांग्रेस पार्टी को कब्जे में लिया। जो आतंकवादियों के मरने पर आंसू बहाती है,भगवा आंतकवाद के नाम पर निर्दोष लोगों को दस साल तक जेल में सड़ने को छोड़ देती है।सत्ता की भूख में अपने नाकाम पुत्र को जबरदस्ती पार्टी पर थोपती है, जिसके कारण कांग्रेस पार्टी स्वयं एक मजाक और भ्रष्टाचार युक्त पार्टी बन कर रह गई। अपने दूतों को पाकिस्तान भेज कर भारत में आंतकवाद का जहर फैलाती है, पाकिस्तान से मदद मांगती है कि इस सरकार को हटाने में हमारी मदद करें। वाह रे राहुल क्या क्या त्याग हैं तुम्हारी मां के और तुम्हारे।
Tuesday 8 May 2018
क्यों समाप्त नही हो रहा जिंन्ना का जिन्न
मणिशंकर अय्यर ने पाकिस्तान में जा कर फिर भीख मांगी कि मोदी राज को समाप्त करो। जिन्ना की तारीफों के पुल बांधते हुए जिन्ना को बंटवारे के लिए जिम्मेदार नहीं मानते हुए कहा कि बंटवारे के असली वजह तो सावरकर थे जिन्होंने 1923 में हिंदुत्व जैसे शब्द की खोज की थी।
कर्नाटक का चुनाव है सीधे तौर पर कांग्रेस पाकिस्तान प्रेम तो दिखा नहीं सकती, मणिशंकर के माध्यम से मुसलमानों का वोटबैंक बनाये रखने के लिए जिन्ना और पाकिस्तान की तारीफ करके मुस्लिम समाज को अपना हितेषी दिखाने की पूरी कोशिश कर रही है। पाकिस्तान भी कांग्रेस की पूरी मदद कर रहा है, जैसा कि अभी दो दिन पहले ही उसने टीपू सुल्तान की विशेष रूप से तारीफों के कसीदे पढ़े थे, जो कि हजारों हिंदुओं की हत्यायों के लिए जिम्मेदार था।
भगवान न करे अगर इस मानसिकता के लोगो की कांग्रेस पार्टी अगर सत्ता में आ जाये, तो देश किस तरफ जायेगा, यह सोच कर भी डर लगता है।
हर देश से प्रेम करने वाले भारतीय को इस चेतावनी को समझना होगा, नहीं तो आगे आनी पीढ़ियां हमें कभी माफ नहीं करेगी।
Saturday 5 May 2018
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को समझने से ही देश को सही दिशा ।
#वन्देमातरम
🙏🏻🇮🇳🚩
अगर युद्ध हुआ तो संघ 3 दिन में अपनी अनुशासनबद्ध सेना देगा ।
- मोहन भागवत जी, संघ प्रमुख
1962 में चीन के साथ हुए युद्ध मे पुलिस का काम संघ के स्वयंसेवकों को दिया गया था ।
1965 में पाक के साथ हुए युद्ध मे संघ के स्वयंसेवकों ने बॉर्डर की अग्रिम पंक्ति में भारतीय सेना को रसद पहुंचाने का काम किया था ।
समय समय पर संघ, सेना के लिए रक्तदान करता ही रहता है ।
🙏🏻🇮🇳🚩
भारत माता की जय !
Tuesday 24 April 2018
टूटती कांग्रेस देश के लिए शुभ
सलमान खुर्शीद ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में कहा कि "कांग्रेस का दामन मुस्लिमो के खून से रंगा है, उसमें मैं भी शामिल हूं। अपनी ही पार्टी के बारे में कहा कि वह अपनी गलतियों से सीखना नहीं चाहती।"
यह तो सभी को पता है कि कांग्रेस के हाथ सिखों,गौ भक्तो, और न जाने किस किस के खून से रंगे हैं।
सलमान खुर्शीद पहले भी पाकिस्तान में जा कर विवादित बयान देते रहे हैं। आज उनकी आत्मा जागती है तो उन्हें प्रायश्श्चित करने के लिए खुल कर बोलना होगा।
गांधी परिवार की साजिशों का पर्दाफाश करना होगा। वरना कांग्रेस का इतिहास है कि जब कोई नेता उनके लिए महत्वहीन हो जाता है या गांधी परिवार के विरुद्ध बोलता है तो उसे बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है,और सलमान खुर्शीद भी इसी का हिस्सा साबित होंगे। वैसे भी मुख्य न्यायाधीश के विरुद्ध महाभियोग याचिका में भी जिन नेताओं ने हस्ताक्षर नहीं किए उनमें सलमान खुर्शीद भी थे।